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भोपालRevealed: Jun 15, 2023 02:20:06 pm
प्रदोष व्रत सभी व्रतों में महत्वपूर्ण है, यह भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। इसमें भी गुरु प्रदोष का अपना अलग स्थान है। मान्यता है कि यदि किसी को सफलता पाने में अड़चन आ रही है तो उसे गुरु प्रदोष व्रत जरूर रखना चाहिए। धर्म ग्रंथों के अनुसार कोई व्रत तभी पूर्ण होता है, जब पूजा के समय उसकी कथा पढ़ी जाय तो यहां जानिए गुरु प्रदोष व्रत कथा।
गुरु प्रदोष व्रत 2023 जून 15 मिथुन संक्रांति
कब है गुरु प्रदोष व्रत
आषाढ़ कृष्ण त्रयोदशी यानी प्रदोष व्रत की तिथि की शुरुआत 15 जून सुबह 8.32 बजे से हो रही है और यह तिथि 16 जून को सुबह 8.39 बजे तक है। जबकि प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त 15 जून को शाम 07.20 बजे से रात 09.21 बजे तक रहेगा।
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