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Cyclone Biporjoy: BSF Reduction Camp
– फोटो : Amar Ujala
विस्तार
सीमा सुरक्षा बल ‘बीएसएफ’ के जवानों ने गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों को चक्रवाती तूफान बिपरजॉय से बचाने के लिए कमर कस ली है। इस बल ने जीवन रक्षक उपकरणों से लैस क्विक रिस्पांस टीमों का गठन किया है। किसी भी आपात स्थिति में ये टीमें, बिना किसी देरी के लोगों तक पहुंचेंगी। बीएसएफ ने कच्छ में निवास करने वाली सीमावर्ती आबादी की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के 15 जून की शाम तक जखाऊ तट के पास टकराने की संभावना व्यक्त की गई है। तटीय क्षेत्र में तैनात बीएसएफ ने इस संकट की घड़ी में सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों की मदद के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बीएसएफ ने सुरक्षा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के उद्देश्य, मूल्यवान जीवन की रक्षा करना, मानवीय गरिमा को बनाए रखना और सीमावर्ती आबादी के बीच सुरक्षा की भावना पैदा करना, का पालन करते हुए आने वाले संकट से बचाव के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है।
बीएसएफ कैंपों में ली शरण
बीएसएफ द्वारा इस विकट समय में ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें आश्रय प्रदान किया है। ठुमरी और वालावरीवांड गांवों के 150 ग्रामीणों ने बीएसएफ कैंप में शरण ली है। बीएसएफ ने ग्रामीणों को आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उपयुक्त समायोजन किए हैं। आश्रय लेने वालों में 34 बच्चे हैं। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिक और महिलाएं भी हैं। बीएसएफ इन ग्रामीणों को पीने का पानी, भोजन, चिकित्सा और स्वच्छता मानकों को बनाए रखते हुए आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
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