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Printed: Sep 30, 2023 11:51:44 am
– श्रद्धा से मृतक के लिए किया गया तर्पण, पिंड तथा दान ही कहा जाता है श्राद्ध।
– ब्रह्मपुराण के अनुसार श्राद्ध का कभी त्याग न करें
हिंदू मान्यताओं में पितृ पक्ष पूर्वजों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद से जुड़ा है। हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। यह आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक रहती है। इन 16 दिन में पूर्वजों का स्मरण किया जाता है। पितृ पक्ष कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 14 अक्टूबर को समाप्त होंगे। इस संबंध में ज्योतिषाचार्य पंडित नीलेश शास्त्री ने पिंडदान का महत्त्व और श्राद्धों के प्रकार के बारे में बताते हुए कहा कि…
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