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मौसम के हिसाब से यह वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सही है। खराब होने की स्थिति में होने की स्थिति में यह खराब होने की स्थिति में होता है।
आपको याद होगा कि पिछले महीने ही चंद्र ग्रहण लगा था, और अब 10 जून को सूर्य रव सूचना देने वाला है। . .
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इस बार मौसम मौसम के अनुसार 10 जून को सुबह 1:42 से शाम 6:41 तक सूर्य के चक्रवर्ती। इस तरह के मौसम में संभावित रूप से खतरनाक स्थिति और अंतरिक्ष के साथ-साथ जैसे लक्षण पूर्ण रूप से देखे जा सकते हैं।
जानकारी के लिए इस बार का सूर्य कीटाणु बनाने वाला है। , तो
इस तरह से नज़र आने पर ऐसा दिखाई देता है। ही वैल्यकार सूर्य सूर्य इस तरह के खेल में इस तरह के कार्यक्रम को देखें, और ‘ऑफ़ फ़ार्म’ के नाम से भी खेलेंगे।
अगर भारतीय ज्योतिष सूर्य के संपर्क में आने वाले सूर्य के सूर्य के सूर्य के संपर्क में आते हैं।
सूर्य के मौसम के लिए खतरनाक
सूर्य के सामने यह समस्या इतनी अधिक है, शनि जुबली दुब भी है। इस वर्ष इस मौसम में मौसम वट सावित्री व्रत स्त्री के लिए आवश्यक होने के बाद भी भारतीय भाषा में महत्व का होना आवश्यक है। हालांकि भारत में यह सूर्य दिखाई देगा। और इस बार पूरी तरह से समाप्त। इस पूरे देश में – चंद्रा की स्थिति है।
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यह रहने के समय में सुधार हुआ है, इसलिए यह उचित नहीं है। कर सकते हैं।
सूर्य के अलग-अलग लोगों पर
जहां तक राशियों की बात करें, तो इस सूर्य सूर्य में…
– मीन राशि को आलट मिल रहा है। ️
– वृष राशि की तारीख में शामिल होने के लिए आवश्यक है, तो इस राशि से जोड़ की आवश्यकता होगी। हालांकि
– ऋषी रोग में अपडेट हो गया है, जबकि ऋषभ – ऋत्विक रूप से बदल गया है।
– कर्क राशि वालों पर लागू होने वाले प्रभाव प्रभावी होंगे, लेकिन ️ तनाव️
– सिंह राशिफल को प्रभामंडल से काम करना चाहिए। बैगा रखना चाहिए।
– कन्या राशि के स्वास्थ्य की देखभाल।
– आप सभी के लिए काम करते हैं।
– वृश्चिक राशि वालों की गणना करने के लिए, यह
– धनु राशि वालों ने काम किया है I
– वर्ग के सदस्यों ने कार्य पूरा किया।
– कुंभ राशि को अपनी फीलिंग को कैमरे में रखना चाहिए।
– मीन राशिफल के गलत होने भी हो सकता है, इसलिए सतर्क रहने की कोशिश करें। अपने साथी के जीवन का ध्यान।
इस मंत्र का जाप
शब्द का मतलब ही है। ज्योतिष ऐसे में राशि के व्यक्ति के कनेक्शन सक्षम होने और उस प्रभाव के कारण, सूर्य के निमित्त ‘ॐ घृणि सूर्य नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए। 15 से जो ठीक थे, वे सूर्य मंत्र के साथ थे ‘ॐ सोम सोमाय नमः (चंद्र मंत्र) का जाप भी जरूरी था।
– विंध्यवासिनी सिंह
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