Home इंडिया बिहार अररिया में नया पुल गिरने पर बवाल: राजद-कांग्रेस ने बिहार सरकार पर साधा निशाना, भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने की मांग

अररिया में नया पुल गिरने पर बवाल: राजद-कांग्रेस ने बिहार सरकार पर साधा निशाना, भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने की मांग

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अररिया के पड़रिया में बकरा नदी पर नवनिर्मित पुल के धराशायी होने के मामले में, राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष नन्हा मुश्ताक और विधायक शाहनवाज के साथ कांग्रेस नेताओं ने बिहार सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने मांग की कि विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों को गुणवत्ता रहित निर्माण कार्य के अपराध में तुरंत जेल भेजा जाए।

सीमांचल  (अशोक/विशाल)

बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में निर्माणाधीन पुलों के धराशायी होने की श्रृंखला में अब जब एक और सीमांचल के अररिया जिले के सिकटी विधान सभा क्षेत्र के पड़रिया ग्राम स्थित बकरा नदी पर नवनिर्मित पुल भी उदघाटन से पहले ही धराशायी हो गई तो 2025 की आने वाली विधान सभा चुनाव की तैयारी में जुटे विपक्षी दलों के नेताओं को भाजपा जदयू गठबंधन वाली केन्द्र और बिहार सरकार पर निशाना साधने का बड़ा अवसर हाथ लग गया।

किशनगंज जिला निवासी राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष सह लालू प्रसाद यादव की सरकार के जमाने में मंत्री पद पर रहे स्वर्गीय मुन्ना मुश्ताक के पुत्र एम के रिजवी उर्फ नन्हा मुश्ताक ने बिहार से केन्द्र तक में स्थापित जदयू और भाजपा गठबंधन वाली एनडीए सरकार को आड़े हाथ ले लिया।

उन्होंने बिहार की एनडीए सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल के द्वारा हाल ही में कही गई उस बात को उद्धृत किया कि जब मंत्रिमंडल ईमानदार होगा तो किसी भी विभाग या अफसरों में भ्रष्टाचार के बू बास का सवाल ही पैदा नहीं होगा।

राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष नन्हा मुश्ताक ने बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल की उक्त बेबाकी की जोरदार सराहना करते हुए कहा कि बिहार सरकार के लिए यह यक्ष प्रश्न है कि बिहार में लगातार निर्माणाधीन पुलों के धराशायी होने का कारण क्या है।

उन्होंने ऐसी घटनाओं को बिहार की जदयू भाजपा गठबंधन वाली एनडीए सरकार के लिए शर्मनाक बताते हुए कटाक्ष किया कि केन्द्र की एनडीए सरकार के मंत्री नितिन गडकरी ने भी अपने बयान में कह दिया है कि बिहार के अररिया जिले में जो पुल गिरा है उसमें केन्द्र सरकार बिल्कुल ही दोषी नहीं है और उसका दोषी सीधे बिहार सरकार है।क्योंकि , बिहार के अररिया में दुर्घटनाग्रस्त पुल का निर्माण केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत नहीं हुआ है वल्कि बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत उसका काम चल रहा था।

केन्द्रीय सरकार के मंत्री नितिन गडकरी की उपरोक्त साफगोई को बिहार सरकार के अति शर्मनाक बताते हुए राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष नन्हा मुश्ताक ने बिहार सरकार से सवाल किया है कि  पुल निर्माण का कार्य जिस निर्माण एजेंसी या ठिकेदार को सौंपा गया था उस एजेंसी या ठिकेदार से ब्रिज इंजीनियर रहने की संपुष्टि कराई गई थी और अगर कराई गई थी तो उक्त एजेंसी या ठिकेदार से पुल के निर्माण संबंधित किए गए अनुबंध में जो दिशा निर्देश दिए गए थे उसका अक्षरशः पालन संबंधित निर्माण एजेंसी या ठिकेदार ने किया था।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि उनकी जानकारी के मुताबिक सत्तारूढ़ दल के स्थानीय बड़े नेता की पैरवी पर किशनगंज के एक ऐसे ठिकेदार से उक्त पुल का निर्माण कार्य कराया गया था जिसने न जानें कैसे छड़ सरिया और सीमेंट का इस्तेमाल कराया था कि पुल गिरते समय बिल्कुल चूड़ होकर गिर रहा था।

उन्होंने कहा कि इस मामले में सरासर गलती संबंधित विभाग के स्थानीय आला अधिकारियों की है जिन्होंने निर्माण एजेंसी या ठिकेदार के झांसे में आकर गुणवत्ता रहित कार्य करने की स्वीकृति गलत तत्वों को देकर बिहार सरकार की प्रतिष्ठा को दागदार बनबा दिया और उसके साथ साथ जनता के पैसों की लूट करवा दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में सबसे पहले निर्माण कराने वाली एजेंसी या ठिकेदार के समस्त कागजातों की गहन जांच होनी चाहिए।

इस बीच सिकटी विधान सभा क्षेत्र के सिटिंग भाजपा विधायक विजय मंडल ने भी कहा है कि इस मामले में संबंधित विभाग , विभाग के वरीय अधिकारियों और ठिकेदार पर बिहार सरकार को तुरत एफआइआर दर्ज करानी चाहिए और इसके दोषियों को गिरफ्तार कर जेल की हवा खिलानी चाहिए।

अररिया जिला कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा ने भी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और बिहार सरकार से सवाल किया है कि क्या कारण है कि अररिया में एनडीए के भाजपा का सांसद और सिकटी में भी एनडीए के भाजपा का विधायक रहते हुए भी उक्त पुल का निर्माण कार्य गुणवत्ता पूर्ण नहीं कराया गया था और जिसके परिणामस्वरूप उक्त पुल उदघाटन से पहले ही धराशायी हो गया।

अररिया जिला महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष गुलशन आरा ने भी उक्त पुल के कागज की भांति ढह जाने की खबर पर आश्चर्य व्यक्त किया है और इस मामले में जनता के पैसों से खिलवाड़ करने वाले विभागीय अधिकारियों और ठिकेदार को जेल में बंद करने की मांग की है।

जबकि दूसरी ओर से अररिया जिले के जोकीहाट विधान सभा क्षेत्र के राजद विधायक सह हाल ही में संपन्न हुए लोक सभा चुनाव में अररिया लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से राजद के प्रत्याशी रहे शाहनवाज आलम ने बिहार सरकार से मांग की है कि सिकटी क्षेत्र में भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण बने धराशायी बकरा नदी के पुल की निर्माण राशि का घालमेल करके जनता और सरकार के पैसों को लूटने वाले विभागीय अधिकारियों और ठिकेदार पर त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए।



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