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बिहार का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग – एक तो नीम मंत्री दिलीप जायसवाल थे ही चढ़े अब चढ़े करैला के के पाठक भी

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बिहार में जमीन संबंधी मामलों में बढ़ते भ्रष्टाचार और घूसखोरी पर अंकुश लगाने के लिए, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री के रूप में ईमानदारी की प्रतिमूर्ति डॉ. दिलीप जायसवाल को नियुक्त किया। अब, उन्होंने इस विभाग के अपर मुख्य सचिव पद पर चर्चित आईएएस अधिकारी के. के. पाठक को भी तैनात कर दिया है।

सीमांचल  (विशाल/पिंटू/विकास)

डायबिटीज के प्रकोप की भांति बिहार भर में जमीन संबंधी मामलों को लेकर बेतहाशा बढ़ते भ्रष्टाचार व घूसखोरी पर अंकुश लगाने के लिए बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री के रूप में ईमानदारी की सच्ची प्रतिमूर्ति डॉ दिलीप जायसवाल को तैनात किया और अब उस विभाग के अपर मुख्य सचिव पद पर चर्चित आईएएस अधिकारी के के पाठक को भी बतौर अपर मुख्य सचिव तैनात कर दिया।

जाहिर सी बात है कि बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसा कदम बिहार की जमीन के मामलों में बढ़ते भ्रष्टाचार को लेकर देश में बढ़ती बिहार की बदनामी से उबरने की चाहत में ही उठाया है।

लिहाजा , राज्य भर में चर्चा जोरों से चल पड़ी है कि बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में बतौर मंत्री नीम को पदस्थापित किया तो उसके ऊपर बतौर विभागीय अपर मुख्य सचिव आईएएस अफसर के के पाठक यानि करैला की भी तैनाती कर दी।

कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की चरमरायी व्यवस्था को मजबूती के साथ सुधारने की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अंततः मंत्री के रूप में नीम रूपी डॉ दिलीप जायसवाल को ला खड़ा किया था तो अब करैला रूपी आईएएस अफसर के के पाठक को बतौर अपर मुख्य सचिव खड़ा कर दिया।

चर्चा है कि बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की सेहत को चुस्त दुरूस्त करने की दिशा में एक तो उस पर नीम चढ़ाया गया और फिर उसके ऊपर करैला भी थोप दिया गया।

जिस कारण भ्रष्टाचार घूसखोरी की चरम सीमा पार कर चुके बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अफसरों से कर्मियों तक में अफरा तफरी मचनी शुरू हो गई है।

बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करते हुए आईएएस अफसर के के पाठक ने पहली चेतावनी जारी की कि राज्य भर के अंचल अधिकारियों सीओ के साथ उनकी वीडीयो कांफ्रेंसिंग शाम के 6 बजे से 8 बजे रात तक होगी और सभी राजस्व कर्मचारियों के साथ उनकी वीडीयो कांफ्रेंसिंग रात के 8 बजे से रात के 10 बजे तक होगी।

के के पाठक ने स्पष्ट आदेश जारी किया है कि दस मिनट में दाखिल खारिज नहीं करने पर उसके बाद के प्रति मिनट की दर से 1 हजार रूपए जुर्माना वसूला जाएगा और बायोमैट्रिक उपस्थिति में एक मिनट की देरी पर एक वर्ष के वेतन की कटौती कर दिया जाएगा।

के के पाठक ने अपने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे सप्ताह में दो दिनों गावों में कैंप लगाकर समस्याओं का निराकरण करें और उसकी फोटो वीडीयो ई राजस्व पर भेजें।

स्मरणीय है कि बिहार में इन दिनों बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अफसर और कर्मी गण स्वयं की जिंदगी को जमींदार और नबाबों की भांति जी रहे थे और इस क्रम में उन भ्रष्ट अफसर और कर्मी पर ही निर्भर था कि वो कब किसे जमींदार और किसे भूमिहीन बना देंगे।



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