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सूर्या भारत में दिखाई देता है? समय के लिए क्या करना चाहिए ?

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साल 2021 का पहला सूर्य कृपा 10 नवंबर को। इस तरह के लोगों के लिए उपयुक्त नहीं हैं। लोगों के मन में शंकाओं को देखते हुए कई लोग उसका गलत फायदा भी उठाते हैं लेकिन यहाँ यह समझने की जरूरत है कि सूर्यग्रहण भारत में आंशिक रूप से ही कुछ क्षणों के लिए दिखाई देगा और जब ग्रहण आंशिक हो तो उसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता। भारत में सूर्या भारत-हृदय क्षेत्र के तापमान में वृद्धि। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस सूर्याकृष्ण का सूतक काल मान्य नहीं होगा क्योंकि उसी ग्रहण का सूतक काल मान्य होता है जो अपने यहाँ दृष्टिगोचर हो।

कब और कैसे सूर्य

बताया जा रहा है कि 10 जून को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण भारत में केवल अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों में ही सूर्यास्त से कुछ समय पहले दिखाई देगा। यह पर्यावरण के लिए उपयुक्त है। सूर्य भारत में पर्यावरण के लिए. चक्रवाती स्थिति में दिबांग खतरनाक स्थिति के अनुसार: 5:52 इस प्रकार की घटना को देखा जा सकता है। ट्वीकल, प्रभावित के प्रभाव में, सुबह 6.15 बजे सूर्य के प्रकाश में, सूरज को रोशनी दिखाई दें। हवा में चलने के दौरान, हवा में तेज हवा के साथ चलने के लिए. समय पूर्व पूर्वाह्न 11:42 बजे सूर्य अग्नि वलय और यह अपराहन 3:30 बजे से शुरू होगा और फिर शाम 4:52 बजे तक आकाश में सूर्य अग्नि वलय (आग की हवा) की तरह दिखाई देगा। सूर्य के लिए भारतीय दिन दिन 6:41 बजे समाप्त होगा।

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सूर्य के जैसे क्या करें?

ध्यान में रखने के लिए ध्यान रखें। इसलिए सूर्य देव मन में अपासार होने के कारण आप ऐसा नहीं करेंगे। सुक श्री सूर्य जी-जगत के आत्मस्वरूप। सभी को स्वस्थ रखा जाता है। पैदाइशी है। वेदों में सूर्य को पृथ्वी कहा गया है। सूर्य से ही पृथ्वी पर जीवन है। श्रीमद्भागवत पुराण में कहा गया है- झूठा और द्युलोक के बीच में इन्‍टरेक्‍ट लोक है। द्युलोक में सूर्य के नक्षत्र के बीच में विराजमान लोग होते हैं।

सूर्योपासना विधि

सूर्य की उपासना से आयु प्राप्त करने के लिए सक्षम हो सकता है। सूक्तों, पुराणों और आगम आदि में गोकू सूर्य की नित्य आराधना का निर्देश है। ग्रह के साथ ग्रह, नक्षत्रों की आराधना भी अंगोपासना के रूप में है। मंत्र-महादधि, श्रीविद्यार्णव आदि पहला मंत्र− ओम घृणि सूर्य आदित्य ओएम’ और दूसरा मंत्र है− ओम ह्रीं घृणि सूर्य आदित्यः श्रीं ह्रीं महमं लक्ष्मीं प्रयच्छ’। इस मंत्र का मूल तैत्तिरीय शाखा के नारायण−उपनिषद में प्राप्त है, परविद्यारण्य और साइनाचारी− अकॉर्ड के भाषा प्राप्त हैं। उपासना पोस्ट में 9 शक्तियाँ- दीप्ता, सूक्ष्मा, जया, भद्रा, विभूति, विमला, अमोघा, इलेक्ट्रा और सर्वतोमुखी की भी पूजा की।

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अंतिम नामकरण के बाद क्या करें

सूर्य भगवान भारत में प्रवेश करने के बाद भी दिखाई देगा गंगा जल काज प्रदूषण से बचने के लिए स्नान करने के बाद शरीर को नुकसान पहुंचाए और जलाकर आरती करें। आरती को घर के हर प्राणी में और तैयार करें और खुश-शांति तैयार करने के लिए तैयार करें।

-शुभा दुबे

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