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बोरप्रकाशित: 09 फरवरी, 2023 02:04:55 अपराह्न
संकष्टी चतुर्थी व्रत (Sankashthi Chaturthi Vrat) का महात्म्य उत्साह है। इस व्रत के प्रभाव से माता पार्वती की भी मनोकामना पूरी हुई थी, इसकी कथा शायद ही आपने सुनी हो तो द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के पारण अवसर पर आपको कथन हैं माता पार्वती का मनोरथ पूरी करने वाले संकष्ट चतुर्थी व्रत की कथा (संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा) ।
गणेशजी
संकष्टी चतुर्थी व्रत: आज गुरुवार को संकष्टी चतुर्थी है, फाल्गुन महीने की संकष्टी चतुर्थी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानते हैं। आज शनिवार को भक्त भगवान गणेश की पूजा अर्चना कर व्रत रखते हैं। इस व्रत को माता पार्वती भी रखती हैं। शाम को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने वाले भक्त भगवान गणेश की पूजा कर चंद्र दर्शन करेंगे। चंद्र दर्शन का मुहूर्त रात 9.25 बजे हैं। इस व्रत में भगवान की पूजा के साथ संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा सुननी जरूरी है। इसलिए आज हम आपको संकष्टी चौथी की कहानी बताते हैं जो आपने शायद ही सुनी हो।
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