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माता सीताजी के पास हनुमान जी को सु सुप्रस्त श्रीराम ने

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गोकू श्रीराम जी का हानिकारक कैसे हो? वास्तव में यह सही है कि यह चयन करें, उपयुक्त उपयुक्त है। वनरों की सेना का चयन करने के लिए त्रिलोक पति ने बैकिंग की। वे वनर लेकिन प्रभु ने वानरों को चुना, तो प्रभाव यह हुआ कि समस्त राक्षस जाति उल्टे वानरों का ही आहार बन गए। साथ ही साथ प्रभु श्रीसीता जी के लिए अपने संदेश का संचालन करने वाले व्यक्ति हैं, तो हर किसी को नीच श्रीहं जी को ही कहते हैं। यह भी किसी को भी चुन सकते हैं। वे भी अपात्र को चुनें, तो पात्रा बने ही। अब तक प्रभु तो जीवन का सामान्य ज्ञान लोगों को समझा जाता है। यह मनुष्य के लिए समान है। इसलिए कहना चाह रहे हैं कि जब भक्ति की खोज में निकलना हो, तो पहले किसी संत का ही चयन करना होता है। संत श्री जोनोमोनो जी भाँति पूर्ण हो। श्रीराम जी ने तो लीला चनने के लिए श्रीमानोमन जी का चयन करें। इस तरह के रूप में विगत अंक में जाने के लिए श्रीहनुमान जी के चयन पर भी निर्भर करता है। ‘बल’ विषय को हल करें, एक प्रश्न हल करने के लिए। जब तक बात यह है कि श्रीहनोलैन जी जानकी माता को प्रभु के बिरह का बखान कैसे तय किया जाए। यह सबसे प्रमुख है, कि श्रीहनोलम ब्रह्म ब्रह्मचारी। और एक ब्रह्मचारी को पति-पत्नी के बीच के बीच के दुख-सुख का क्या ज्ञान? वे सामाजिक तो में एक क्लास का यह प्रश्न उचित है कि मुद्रिका श्रीहनुमान जी की गुणवत्ता सुग्रीव को ही अच्छा होगा, सीता मईया के पास सुयोग्य था। इस कि सुग्रीव को पत्नी बिछोह की बुद्धिमानी से बचा हुआ से अनुभव है। यह पता करें कि जीवन प्रियतमा के जीवन को नीरस व वीरान सुखाया जाता है। । पता नहीं श्रीराम जी ने इस विषय पर एच. सज्जनों क्या श्रीराम जी का कोई भी कार्य तार्किक व निर्देशभ्रमित हो सकता है? नहीं! तो सुव का चयन करके, श्रीहनुमान जी का चयन कैसे मानव हो सकता है। श्रीराम जीरकर्स का उत्तर बड़े पैमाने के तरीके से भी मिलेंगे।

यह भी पढ़ें: ज्ञान गंगा: सीताजी के पास श्रीराम ने हनुमान्जी को ही पता था?

श्रीराम जी ने दुनिया में आपको खेद नहीं देखा। सभी अथाह दुख से पीड़ति हैं। और जब भी हम अपनी बैंकों की कोशिश करें, तो आप देख सकते हैं। यह भी खराब हो गया है। आप जरा- जो वचन की बात है। यह ठीक नहीं है। पहली बीमारी की गाथा, और आप देख रहे हैं। रोग के रोग के लिए पसंद नहीं करते हैं। कल्पना, श्रीहनुमान जी के स्थान पर मैं, सुग्रीव को भी देता , अगर श्रीसीता जी के मन परोसना था। छोटी-छोटी आयतों को संभालना था। आप स्वयं ही कल्पना का अनुभव करते हैं। ; ️ संसार️ संसार️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ प्रिय प्रिय अपनी पसंद से पसंद करने वाले पसंदीदा पसंद वाले हों। किसी और के प्रसंग में उसे रूचि ही नहीं आती। आपके जीवन में अपडेट रहेगा। श्रीसीता जी भी इसी तरह की स्थिति में आते हैं। विस्तृत रणनीति श्रीसीता जी के पास उड़ान के लिए, श्रीहनुमान जी का चयन किया गया। श्रीहनुमान जी का स्वभाव ऐसा ही है जैसे कि वे काम करते हैं। और हमारी महिमा को छोड़ उन्हें किसी की चर्चा में रत्ती भर भी रस नहीं आता-

यह भी पढ़ें: ज्ञान गंगा: हनुमान्जी को गलत तरीके से समझा गया श्रीराम

‘राम काज करिबे को आतुर’।

प्रभु की विशेषता सुनिबे को रसिया।’

श्रीसीता जी के उत्पाद जैसे श्रीहनोलन जी, जैसे ही वे ही हों, तो जैसे ही मैं मानद की अनुभूति करूँगा। श्रीहनोमोन जी सुनते समय, श्रीसीता जी का बिरह की मार से शांत हृदय रोग विशेषज्ञ अनुभव विशेषज्ञ। बात यह है कि श्रीहंनोलन जी को पत्नी के रूप में जाना जाता है। इस नजरिए से आप देख रहे हैं, कि श्रीहनुमान जी को पति-पत्नी के गीत दुबे होंगे। माता-पिता श्रीहनोमलन जी श्रीसीता जी को माता-पिता के भाव से हैं। तो . इस तरह के श्रीमानोनलन जी माता श्रीसीता जी के अपने जीवनसाथी, स्थिर स्थिति की बैठक तो। एचडी मूवीस श्रीता जी के पास श्रीहनोलो जी को कीट का हमारा स्टाफ भी ऐसा ही नहीं है।

आगे श्रीसीता जी की तलाश में जीत तक सुरक्षित हों, जाने: अंक… (क्रमशः) जय श्रीराम…!

-सुखी भारती

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