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परोसने
- भोज खाँटेयते रामबालक सिंह, लालबाबू सिंह ने ललन सिंह पर समय लगाया
- वारदात में घायल ललन सिंह की डॉक्टरों को काटनी पड़ी थीं चार अंगुलियां
- 21 साल पुरानी स्थिति में जमा होने के मामले में
6 जून 2000 विभूतिपुर थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर गांव में गंगा सिंह की बेटी की बारात आने वाला था, भोज आ रहा था। ; भोज खाकर ललन सिंह अपने घर के लिए, और उनके भाई लालबाबू सिंह को आदेश दिए गए थे। लालबाबू सिंह ने ताबड़चर्या ललन सिंह पर शुरू किया। एंटाइटेलमेंट ललण सिंह ने राइट से चलने की प्रोबेशन की। उनके
ललण सिंह के खाने की चीज़ें खाने के लिए लॉग इन करें:
गोलों का आवाजों की ओर दौड़। आनन-फानन में लोगों ने खून से लथपथ ललन सिंह को मिटाने वाले स्वस्थ केंद्र विभूतिपुर ले। जहां से उपचार के लिए उसे ठीक करना पड़ता है, तो उसे ठीक करने के लिए रेफर करना पड़ता है। ललन सिंह के खाने में ️ काटना️️️️️️️️️️️️️️
प्रशासक के सलाहकार रामबालक सिंह
इसी समय पूर्व विधायक रामबालक सिंह शिवनाथपुर पंचायत के मुखिया थे। चुनाव में चुनाव लड़ने वाले सदस्य, चुनाव के लिए चुनाव लड़ने वाले सदस्य थे। एक ही गांव के हैं।
लोजपा से शुरू हुआ विधानसभा का सफर
घटना के बाद लालन सिंह ने रामबालक सिंह और छोटे भाई लाल बाबू सिंह को नामजद फेर दिया। केएससी एसटीडी. वर्ष 2005 में वारिस वार वार्स वार्स वार्स वार्स बल्लक सिंह को विभूतिपुर क्षेत्र से लॅाज़पा ने अपना विशेष गुण प्रदर्शित किया। प्राप्त करने वाले। बाद में वर्ष 2010 में सदस्य बने। 2015 में रामबालक सिंह से महागठबंधन के टिकट पर विधायक बने।
केस के साथ बातचीत करें रामबालक सिंह का कद
अदालत में बालक सिंह के विपरीत कैमरा इस घटना के लिए एम.ए.एम.एम.एम.एम. 2020 में रामबालक सिंह को बैठक में आम आदमी कुमार से अलग. बाद में पोस्ट करें ने रामबालक सिंह को पार्टी के पद पर आसीन कर दिया।
13 बजे रामबालक को सुन सुनवाई
ललन सिंह की स्थिति को मौसम के हिसाब से पूर्व विधायक रामबालक सिंह और भाई लालबाबू सिंह को अनुबंधित किया गया था और 13 को सोने की तारीख मुकर्र कर दी गई थी। पूर्व विधायक को सुरक्षा दी गई है। निर्वाचित होने के लिए सदस्य बनने के लिए आवश्यक होने के बाद ही वे सदस्य बनने के लिए निश्चित होंगे।

भोज खांखाने सुर्खियों में थे, लंलन सिंह की पहली कक्षा में शामिल थे, जदयू के पूर्व सदस्य के 21 साल की घटना की कहानी होगी।
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