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रूपौली उप चुनाव में सत्तारूढ़ दल को सता रहा निर्दलीय का खौफ: सत्तारूढ़ दल ने पूर्णिया के बाद अब रूपौली में भी निर्दलीय प्रत्याशियों के डर को जगाया।
सीमांचल (विशाल/पिंटू)
कानून का राज कायम करने का नारा बुलंद करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक बीते लोक सभा चुनाव के दौरान बिहार के इस सीमांचल में बारंबार पधारे थे लेकिन उसके परिणाम इस सीमांचल में सार्थक नहीं मिले और एनडीए गठबंधन की जदयू के तीनो प्रत्याशी पूर्णिया कटिहार और किशनगंज में हार गए।
तुर्रा यह कि उन हारे हुए तीनों जदयू प्रत्याशियों में से दो तो पूर्णिया और कटिहार के सिटिंग जदयू सांसद ही थे और किशनगंज में जदयू के जो प्रत्याशी हारे वे सिर्फ इस बार के जदयू के एनडीए उम्मीदवार मात्र ही थे।
जाहिर सी बात है कि केंद्र से राज्य तक की सत्तारूढ़ दल के दो दो सिटिंग सांसदों सहित उम्मीदवार तक की हुई इस बार की हार से सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों में पीड़ा महसूस हुई थी। लिहाजा , सभी ने नए सिरे से कड़े रूख अपनाना शुरू कर दिया।
और जब पूर्णिया जिले की एकमात्र विधान सभा क्षेत्र रूपौली में उप चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू हुई तो बीते लोक सभा चुनाव के दौरान की भांति ही रूपौली की उप चुनाव को जीतने के लिए सक्रिय हुए बाहुबलियों का हौंसला पस्त करने के लक्ष्य के अंतर्गत सत्तारूढ़ भाजपा जदयू गठबंधन वाली एनडीए के नेतागण कठोरता पूर्वक अपनी सरकार द्वारा संचालित कानून के राज का बखान कर रूपौली की जनता को आश्वस्त करने में लग गए ताकि हत्या और विभिन्न आपराधिक घटनाओं के ताजे तरीन मामलों से घबरायी हुई रूपौली की जनता सरकार और उसके मंत्री की बेबाकी से भय मुक्त वातावरण में अपना मतदान कर सकें।
पूर्णिया संसदीय क्षेत्र से बीते लोक सभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी होते हुए भी पप्पू यादव की जीत हो जाने से सत्तारूढ़ दल ने महसूस किया कि अगर रूपौली विधान सभा क्षेत्र के उप चुनाव में भी सत्तारूढ़ दल का तेवर कड़क नहीं होगा तो पूर्णिया संसदीय क्षेत्र की भांति रूपौली विधान सभा क्षेत्र के इस उप चुनाव में भी किसी न किसी बाहुबली की ही जीत दर्ज हो जाएगी।
लिहाजा , पूर्णिया संसदीय क्षेत्र के चुनाव परिणाम से सबक लेते हुए रूपौली की चुनावी सभा में एनडीए के नेता ने अपने शासनकाल में लागू कानून के राज का बखान करते हुए बेबाक लहजे में जनता को आहवान किया कि वे अपने विधान सभा क्षेत्र में इस उप चुनाव के दौरान किसी भी हथियारबंद बाहुबलियों की इंट्री नहीं होने दें और दूसरी तरफ से हड़काया कि सुनसान रातों में मतदाताओं को डराने धमकाने की कोशिश करने वाले अपराधियों का काम तमाम करने के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी गठित किया है जो हथियार लेकर चलने वाले समाज विरोधी तत्वों को सीधे गोली मार दे सकती है।
लेकिन , चुनावी दौर में सत्तारूढ़ दल के नेताओं मंत्रियों के द्वारा कही गई उपरोक्त बातों का पूरी शिद्दत से विरोध करते हुए बिहार के विरोधी दलों और उसके नेताओं ने अपने अपने सिर पर आसमान उठा लिया और मंत्री जी की बेबाकी को राज्य में बॉयरल करते हुए बबाल मचाना शुरू कर दिया।
जबकि मंत्री ने उपरोक्त बेबाकी इसलिए की थी क्योंकि रूपौली के विधान सभा उप चुनाव की बाजी जीतने के लिए जनता के बीच बाहुबली अवधेश मंडल से संबद्ध उम्मीदवार के साथ साथ बाहुबली शंकर सिंह सरीखे निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव के मैदान में आ डटे हैं और तुर्रा यह कि रूपौली में हाल ही में डरावनी घटना को अंजाम भी दिया गया है जिसके सिहरन से रूपौली के आम आवाम उबर नहीं पाए हैं।
क्षेत्र में स्पष्ट चर्चा है कि इस बार के विधान सभा उप चुनाव में
रूपौली विधान सभा क्षेत्र के निर्दलीय प्रत्याशी सह पूर्व विधायक शंकर सिंह की जीत संभावित हो गई है और अगर यह आशंका सही हुआ तो सत्तारूढ़ भाजपा जदयू के भविष्य पर आंच आ जायेगी। बताया जाता है कि इसी के मद्देनजर निर्दलीय प्रत्याशी बाहुबली शंकर सिंह को रोकने की कोशिश में बिहार की सत्तारूढ़ एनडीए के जदयू और भाजपा के नेताओं ने पूरी ताकतें लगानी शुरू कर दी है और दूसरी ओर से हड़काने पर भी आमादा हैं।
बहरहाल , इस क्रम में कहीं प्रशासनिक खौफ की लहर व्याप्त कराने की कोशिश जारी है तो कहीं बिहार सरकार के मंत्री कानून के राज का बखान करते हुए सीधी चेतावनी दे रहे हैं कि इस बार रूपौली विधान सभा क्षेत्र की सीट पर जदयू के गरीब प्रत्याशी कलाधर मंडल के अलावा दूसरे किसी प्रत्याशी की जीत की कोई गुंजाइश ही नहीं है।
जिसे लेकर विपक्षी दलों ने बबाल मचाना शुरू कर दिया है।
रूपौली विधान सभा क्षेत्र के उप चुनाव में एनडीए गठबंधन के जदयू प्रत्याशी कलाधर मंडल , निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह और राजद की प्रत्याशी बीमा भारती के बीच कड़े त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना के मद्देनजर एनडीए के नेताओं के द्वारा शासन प्रशासन का खौफ पैदा किया जाने लगा है,ताकि इस उप चुनाव का रिजल्ट पूर्णिया लोक सभा क्षेत्र के चुनाव के रिजल्ट जैसा न हो।
राजनीति के अनुभवियों का मानना है कि बिहार की सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन वाली जदयू और भाजपा को इस बार रूपौली की सीट पर भी जदयू की हार का भय सता रहा है। जिस कारण सत्तारूढ़ दल के नेता गण प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों को हड़काने के लिए पूरी ताकत से शासन प्रशासन के खौफ का संचार करने में लग गए हैं।
बिहार सरकार के मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने रूपौली की जनता को आहवान भी कर दिया है कि वे किसी भी गोली बंदूक वाले उम्मीदवार को इस क्षेत्र में घूसने नहीं दें।
“बिहार के भूमि सुधार और राजस्व मंत्री, डॉ. दिलीप जायसवाल ने हाल ही में एक बयान दिया है। उनके अनुसार, अब से बिहार में जो भी अपराधी अवैध बंदूक लेकर सड़कों पर घूमेगा, उसे सीधे गोली मार दी जाएगी। इसके साथ ही, हर जिले में बिहार पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया जाएगा। डॉ. जायसवाल ने यह बयान रुपौली विधानसभा उपचुनाव के बाद दिया है, जहां उन्होंने गोली बंदूक वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात की है। उन्होंने कहा है कि अब रुपौली में गरीब लोगों को किसी भी अपराधी से डरने की जरूरत नहीं है। डॉ. जायसवाल बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और वर्तमान में बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री भी हैं। उन्होंने बिहार भाजपा के राज्य कोषाध्यक्ष के पद पर भी काम किया है और विधान परिषद के सदस्य भी रहे हैं। डॉ. जायसवाल के बयान से सामाजिक न्याय के राज का अहसास होगा और अपराधियों को नियमों का पालन करने के लिए बाध्य किया जाएगा”।
जिस कारण रूपौली विधान सभा क्षेत्र से लेकर पूरे पूर्णिया संसदीय क्षेत्र तक में ही नहीं बल्कि पूरे सीमांचल में इस बात की जोरदार चर्चाएं जोरों से चल पड़े हैं।
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