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नरसिंह जुबली से लड़ने वाले सभी दु:ख दूर

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आज नरसिंह जंयती है, इस दिन नरसिंहूक की धूमधाम से देखभाल की व्यवस्था, नारसिंह जंयती का महत्व और व्यवस्था के बारे में हम जानते हैं।

नरसिंह से सूचना

नारसिंह जुबली बैसाखई को इकट्ठा करने के लिए जांच की जाती है। नरसिंह जुबली त्योहारों का एक त्योहार है। गौ नरसिंह का प्रतीक चिन्ह हैं। नरसिंह जुबली का विरोध करने वाले सभी लोगों को संकट का सामना करना पड़ता है। नरसिंह जुबली के दिन सुबह स्नान करने के लिए ध्यान देना चाहिए। साथ ही हेवन जल का उपयोग करना आवश्यक है।

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नरसिंह का महत्व

नरसिंहू प्रभात का लड़ाकू से सभी दु:खूब की कृपा नहीं करते हैं। नरसिंह आवर्तक में समूह ने गर्भ धारण किया। नरसिंह जयशंकर के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी। देवी लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है।

नरसिंह जयजयकार ने कहा

डेटा है कि नरसिंह चर्तुदशी के दिन ही गोकू विष्णु ने नरसिंह आवर्तक दैत्यों के हिरण्यकश्यप का वध था। काल में कश्यप के नाम रहने वाले हैं। उनकी पत्नी का दिति था। राजकुमार कश्यप के परिवार में एक नाम हरिण्याक्ष था। ऋण्यक्ष से पृथ्वी को हर के लिए विष्णु ने वाराह का विनाश कर हत्या कर दी। बाद में हिरण्यकश्यपु आपके भाई के वध से क्रुद्ध हुआ और सालों तक तपस्या की। उसकी हियरीकायक्यपुय इस तरह की घटना पर असामान्य रूप से प्रकट होता है। अब कोई भी हरिहर्यकश्यपु को भी ऐसा ही होगा।

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हर कयाधु से प्रहलाद का नाम का एक संबंध होता है। प्रहलाद के अद्वितीय गुण थे। वह संस्कारी था और नारायण का भक्त था। प्रहलाद की पुनरुत्पादित करने की क्रिया की पुन: भक्त प्रहलाद में बदलाव नहीं किया गया। हरण्यकश्य ने बैकल प्रहलाद कोष्ठ के लिए अपनी स्थापना के बाद वायुयान में प्रवेश का आदेश दिया था प्रहलालिका जलकर भस्म और प्रहलालिका जलकर भस्म। बाद हरियन्यकश्यपु ने प्रहलाद कोय के लिए योजना बनाई शुरू कर दी। एक दिन हरिण्यकश्यपु नेबा प्रहलाद से कहा था कि तुम्हें कैसा लगेगा? तो प्रहलाद ने कहा। इस पर हरिण्यकश्यपु ने कहा कि वह बोला में है। दैत्य पर उसे ख़रीदना है। हरिण्यकश्यपु का धुंध डटकर बाहर निकल रहा है।

नरसिंह जुबली इस तरह करें पूजा

इस विशेष विशेष समस्या यह है कि. पहली बार नरसिंह को चंदन, कूपर, रोली और धूप के बाद नर कथा। सोम मंदिर के पास नरसिंह के साथ माता लक्ष्मी की मूर्ति भी। फल, फूल, चंदन, कपूर, रोली, धूप, कुमकुम, केसर, अक्षत, गंगाजल, तिल और पीतांबर प्रयोग करें। पूजा के बाद तिलक, वस्त्र दान करें। नरसिंह की पूजा प्रायश्चित को करें। नरसिंह वस्त्र पहनाने वाली लक्ष्मी एंव पहनावा।

इन से लाभ

नुक्कड़ नरसिंह दयान थे। अपने भक्त की सेवा करने के लिए साथ रहने वाले लोग एक साथ मिलकर काम करते हैं। नरसिंह के क्रोधावतार 🙏 साथ ही नरसिहं को खुश करने के लिए ये उपाय कर सकते हैं।

– अगर भक्त नृसिंह लगते हैं. इस तरह से पसंद किए जाने वाले कौन से हैं जो आपसे संपर्क करते हैं।

– अगर आप दूसरे-कचहरे के हल के साथ जुड़ें तो नरसिंह के साथ मिलकर नरसिंह को हल करेंगे।

– किसी भी कालसर्प दोष से ग्रसित

– नर्कसिंह को शुक्ल बहते हुए दिखाई देते हैं।

– नरसिंह जुबली के दिन नरसिंह मंदिर में मेक का निर्माण करने वाले से सभी क्रिया कलाप।

-इसमें बदली हुई रकम डूबा हुआ है तो यह डूबा होगा।

– किसी रोग से ग्रस्त होने पर 🙏

– प्रज्ञा पाण्डेय

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